परिचय
वास्तु (Vastu)हमारे प्राचीन ज्ञान पर आधारित एक विज्ञानं है जिसे की हम वास्तुशास्त्र के नाम से भी जानते है यह विज्ञानं हमें पांचतत्वो – पृथ्वी , जल ,अग्नि, वायु, और आकाश , के बीच के संतुलन को समझाता है , साथ ही इसका हमारे जीवन पे सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को बताता है ,भारतीय संस्कृति में हमारे घर के साथ-साथ , वास्तु शास्त्र का एक खास स्थान है और यह हमारे जीवन में काफी खाश भूमिका निभाता है ,वास्तु हमारे जीवन में स्वस्थ्य , समृद्धि और पारिवारिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
Vastu शास्त्र हमें सिखाता है की हम अपने घर या ऑफिस का निर्माण कैसे संतुलित तरीके से करे जिससे की हमारे जीवन पर इसका सकारात्मक प्रभाव हो सके , और हम अपने जीवन में सुख समृद्धि और शांति को प्राप्त कर सके , सही वास्तु हमारे घर में अनुकूल स्तिथि पैदा करता है और पॉजिटिव एनर्जी (Positive energy) को बढ़ता है। वस्तु निर्माण के अलावा है यह भी उपाय बताता है की यदि किसी घर या ऑफिस को वास्तु के अनुकूल नहीं बनाया गया है तो हम क्या उपाय कर सकते है , तो आइये हम इस ब्लॉग में वास्तु के बारे में विस्तार से जानेंगे
Table of Contents
वास्तु (Vastu) शास्त्र का महत्व
वास्तु शास्त्र का महत्व काफी महवपूर्ण है क्योंकि Vastu हमारे घर ऑफिस और आस पास के नकारात्मकता को दूर कर के पॉजिटिव ऊर्जा को संतुलित करता है , और जो की हमारे जीवन को खुशहाल बनाने में काफी प्रभावी है । वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के निर्माण में ध्यान देने से हम अपने जीवन को संतुलित और अनुकूल बना सकते हैं।
घर के लिए वास्तु
हमारी सुख शांति में एक अच्छे घर की भूमिका काफी अहम् है , इसलिए उन्हें वास्तु के हिसाब से बनाना हमेशा अच्छा होता है , घर वास्तु (Vastu)के हिसाब से नहीं बना तो घर में वास्तु दोष आ जाता है । घर बनाते समय ज़मीन के चयन के साथ साथ घर के कमरे उनकी दिशा और कोण को वास्तु के हिसाब से ही करना चाहिये । अपने घर के कंस्ट्रक्शन में वास्तु को अपनाने से आपकी भविष्य में और निजी जीवन में अच्छे परिणाम मिलते है , कई बार ऐसा बह होता है की घर आपके द्वारा नहीं बनाया गया हो , उस कंडीशन में आप अपने घर में छोटे- छोटे बदलाव कर के उस घर का वास्तु ठीक कर सकते है।
ऑफिस में वास्तु
वास्तु -Vastu का प्रभाव और नियम हमारे व्यवसाय पर भी काफी गहरा पड़ता है , चाहे वो हमारा ऑफिस हो कारखाना या और कोई कमर्शियल जगह , हमें हमेशा कंस्ट्रक्शन में वास्तु को धयान में रखना चाहिये , अच्छा वास्तु हमेशा हमारे बिज़नेस में हमें सफलता में हमारा सहयोग करता है। कई बार एक छोटी सी चीज़ जैसे दिशा , या दीवाल का रंग , या हमारे बैठने की डायरेक्शन , गलत होने से , सब सही करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती ,
वास्तु के फायदे
समृद्धि और धन
कई बार ऐसा भी सुनने में आता है ही लाख मेहनत के बाद भी सफलता नहीं आती और बिज़नेस में loss होता है , इसका कारण आपके घर का ख़राब Vastu भी हो सकता है , वास्तु शास्त्र का पालन करने से हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, सही वास्तु हमारे जीवन में धन और समृद्धि में हमारे सहायक होते है ,
स्वास्थ्य और विकास
सही वास्तु का हमारे परिवार के हेल्थ में काफी बड़ा योगदान होता है , सही वास्तु वाले घर में रहने से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और हमारा व्यक्तित्व विकसित होता है।
परिवारिक संबंध
वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाए गए घर में परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों में मेलजोल होती है और परिवार का एकता महसूस होती है ।
वास्तु दोषों के प्रकार
वास्तु शास्त्र में कई प्रकार के दोष होते हैं जो हमारे जीवन को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करते हैं। ये दोष हमारे घर या ऑफिस में होने पैर नकारात्मक प्रभाव डालते है , जैसे की बिज़नेस में नुकसान होना , घर में नेगटिवेटी आना , अचानक कुछ बुरा होना , कभी कभी ऐसा भी होता है की काफी प्रयत्न करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती , हो सकता है इसका कारण ख़राब वास्तु हो । कुछ प्रमुख Vastu वास्तु दोषों के नाम
वास्तु दोष
यह दोष घर या ऑफिस के निर्माण के समय की गयी गलतियों के कारण होता है। इस दोष के कारण लोगों को स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं, आर्थिक संकट,और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
अग्नि दोष
अग्नि दोष के कारण घर में आग की धारा संतुलित नहीं होती है और इससे घर के लोगों को संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
वायु दोष
वायु दोष के कारण घर में उच्च या निम्न वायु द्रव्यमान होता है, जिससे लोगों को health related problems आती है और घर में अस्थितरता आती है
वास्तु शास्त्र के उपाय
Vastu दोषों को दूर करने के लिए कई उपाय हैं जो हमें एक सकारात्मक और सुखी जीवन की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। यह कुछ प्रमुख वास्तु उपाय है जो आप अपने घर में ज़रूर करे।
वास्तु पूजा
घर या ऑफिस के निर्माण के पहले, उन्हें शुभ बनाने के लिए वास्तु Vastu पूजा की जाती है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। और हिन्दू धर्म में हम वैसे भी किसी भी शुभ कार्य के पहले पूजा और हवन अवश्य करते है ।
वास्तु यंत्र और प्रतिमाएं
कई बार ऐसा होता है की हमसे ना चाहते हुए भी कई गलतियां हो जाती है , या ऐसा भी हो सकता है की हमने कोई पुराना घर अथवा ऑफिस लिया हो और उसमे Vastu दोष हो ,वास्तु शास्त्र में कई ऐसे कई यंत्र और प्रतिमाएं हैं जो दोषों को दूर करने में सहायक होती हैं। इन्हे घर के अलग अलग हिस्से में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहता है , साथ ही हमारे घर में कई प्लांट्स भी वास्तु दोष को कम करते है।
वैसे तो Vastu के निवारण के लिए आपको किसी वास्तु कंसलटेंट से परामर्श लेना ही अच्छा होता है , तभी सही दोष और उसका उपाय करना सही होगा , पर हम कुछ चीज़े का धयान रख कर वास्तु दोष को काम या ख़तम कर सकते है .
घर में नियमित पूजा करे और हो सके तो साल में २ बार किसी भी अच्छी तिथि देख कर हवन अवश्य करवाए।
नया घर हो या पुराण घर में शिफ्ट होने से पहले गृह प्रवेश ज़रूर कराएं।
घर को हमेशा स्वक्ष रखे और नियमित रूप से साफ सफाई करे।
अनायास कही भी जाले ना बनने दे।
उत्तर दिशा में सर कर के नहीं सोएं।
घर में धूपबत्ती ज़रूर जलाये। या कभी कभी कपूर भी जला सकते है।
घर में मंदिर की दिशा का खास धयान रखे।
घर में वास्तु प्लांट (Tulsi plant ,Money Plant , Lucky Bamboo ) जरूर लगाए , यह आपके Vastu दोष के अलावा वातावरण को भी सुद्ध करेगा।
घर बनवाते समय कुछ मुख्य वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र काफी बड़ा है और एक ब्लॉग में इसको बताना संभव नहीं , पर आप घर निर्माण या घर में इन सब बातो का धयान रख कर वास्तु ठीक कर सकते है।
पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है । कोशिश करे की आपका मैं गेट पूर्व दिशा में हो जिससे की की सूर्य की किरणे आपके घर में आ सके , इससे हमारे घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है , अगर दरवाजा पॉसिबल नहीं तो एक खिड़की ज़रूर रखें।
पश्चिम दिशा – आप इस दिशा में आपने रसोईघर या टॉयलेट बना सकते है , एक बात का धयान यह भी रखना है की रसोईघर और टॉयलेट साथ साथ ना हो।
उत्तर दिशा – कोशिश करें की आपके घर की बालकनी और वाश बेसिन इसी दिशा में बनवाये , और यदि मैं गेट इस डायरेक्शन में है तो बहुत अच्छा है , कोशिश यह भी करे की ज़ादा से ज़ादा दरवाज़े और खिड़किआ इसी डायरेक्शन में हों
दक्षिण दिशा – दक्षिण दिशा में शौचालय या बालकनी बनाने से बचें । कोशिश करे की घर के भरी सामन की इस दिशा में रखें । इस दिशा में दरवाजे या खिड़की होने से घर में नकारात्मकता बानी रहती है , साथ ही ऑक्सीजन लेवल भी काम रहता है , जिससे घर में कलेश बढ़ता है , इसके उपाय में आप कई वास्तु प्लांट्स भी लगा सकते है।
उत्तर-पूर्व दिशा – इस दिशा को ईशान दिशा भी कहा जाता हैं। यह दिशा जल का स्थान है। इस दिशा में स्वीमिंग पूल, बोरिंग, घर की मंदिर बना सकते है । इस दिशा में मेनगेट बनाना भी बहुत ही अच्छा होता है।
उत्तर-पश्चिम दिशा – इस दिशा को वायव्य दिशा भी कहते हैं। इस दिशा में आपका बेडरूम,बना सकते है।
दक्षिण-पूर्व दिशा – इसे घर का आग्नेय कोण कहते हैं। यह अग्नि तत्व की दिशा है। इस दिशा में गैस, बॉयलर, ट्रांसफॉर्मर आदि होना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम दिशा – इस दिशा को नैऋत्य दिशा कहते हैं। इस दिशा में खुली खिड़की ,बालकनी और दरवाजे बिलकुल ही नहीं होना चाहिए। आप इस दिशा में घर के मुखिया का कमरा बना सकते हैं। ऑफिस में या शॉप में कैश काउंटर, मशीनें आदि आप इस दिशा में रख सकते हैं।
घर का आंगन – घर में आंगन होना बहुत ज़रूरी है । यदि यह संभव नहीं तो घर के आगे और पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए। आंगन में तुलसी, ज़रूर लगाए साथ ही पॉजिटिव एनर्जी देने वाले कई वास्तु प्लांट्स लगा सकते है।
Vastu शास्त्र क्या है?
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो आर्किटेक्चरल और डिज़ाइन के लिए निर्देश प्रदान करता है।
वास्तु शास्त्र किस प्रकार से लाभ पहुंचाता है?
वास्तु शास्त्र हमें ऐसे उपाय बताता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है , और उसमे रहने वालो को उसका लाभ धन , यश और समृधि के रूप में मिलता है
क्या वास्तु शास्त्र के लिए विशेष दिशानिर्देश हैं?
हां, Vastu शास्त्र विभिन्न भवनों के लिए दिशा, लेआउट, और निर्माण सामग्री के लिए विस्तृत निर्देश प्रदान करता है। जिसमे की ज़मीन के चयन से ले कर घर की रूप रेखा तक शामिल है।
क्या वास्तु दोष सुधार किए जा सकते हैं?
हां, Vastu दोष को कई तरीके से सुधारा जा सकता है , जिसमे की वास्तु पूजा , वास्तु यंत्र रखना , घर में छोटे छोटे बदलाव करना , और वास्तु प्लांट्स रखना भी शामिल है।
क्या वास्तु शास्त्र केवल घरों के लिए है?
नहीं, Vastu शास्त्र हर प्रकार के ढांचे जैसे की घर , ऑफिस , कारखाना , दुकानों के लिए है , जिसमे की हर प्रकार के निर्माण और ढाचों के लिए अलग अलग निर्देश है ।
वास्तु की अधिक जानकारी कहाँ प्राप्त की जा सकती है?
वास्तु शास्त्र की कई किताबे है जिससे की आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है , साथ ही आप किसी अच्छे वास्तु कसुतंत से भी जानकारी ले सकते है।
क्या वास्तु में रंग का भी महत्व है ?
जी हां Vastu में रंग का काफी महत्व है , हमारे घर के रंग हमारे व्यक्तित्व को दर्शाते है , साथ की रौशनी और ऊर्जा के संतुलन में काफी भूमिका निभाते है।
Pingback: Vastu Tips For Home In Hindi | Spirituality and...