महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)हमारे महादेव को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है। इस मंत्र का उल्लेख कई हिन्दू ग्रंथो जैसे ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में है । कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति भयमुक्त, रोगमुक्त जीवन चाहता है और अकाल मृत्यु के डर से खुद को दूर करना चाहता है, तो उसे ‘महामृत्युंजय मंत्र’ (Mahamrityunjaya Mantra)का जाप करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय मंत्र है। इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं। शिवपुराण और अन्य ग्रंथो में भी इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है , आज हम इस ब्लॉग में किसके भावार्थ सहित ये जानने की कोशिश करेंगे की हमारे जीवन में इसका क्या महत्व है।
क्यों करते है Mahamrityunjaya Mantra का जाप ?
Mahamrityunjaya Mantra का जाप इसकी आरोग्यपूर्ण ऊर्जा के लिए किया जाता है। हिन्दू धर्म में यह मन जाता है कि मंत्र द्वारा उत्पन्न तरंगें मन, शरीर, और आत्मा को शुद्ध कर सकती हैं, समग्र कल्याण को बढ़ावा देती हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप बीमारियों और आपदाओं से बचाव के लिए भी किया जाता है , इस मंत्र के जाप से मनुष्य रोगमुक्त तो होता ही है , इस मंत्र में इतनी शक्ति होती है की बड़ी से बड़ी आपदा भी टल जाती है। यह मंत्र मनुष्य के अकाल मृत्यु के भय की भी ख़तम कर देता है।
यह मंत्र भगवान शिव की कृपा से निडरता की भावना देता है। यह एक याद दिलाता है कि, आत्मा जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो सकती है।
कैसे और कब करे महामृत्युंजय मंत्र का जाप ?
हालांकि Mahamrityunjaya Mantra के जाप के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं है, पर यह सुझाव दिया जाता है कि महामृतुन्जय मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले करना चाहिए 108 बार, अकेले या समूह में, पढ़ा जाए। भक्त गणना करने के लिए रुद्राक्ष माला (प्रार्थना माला) का उपयोग कर सकते हैं। शिवपुराण में इसका लाभ उत्तम बताया गया है , वैसे आप अभी के शुद्ध मन से इस मंत्र का जाप कर सकते है
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है की हम देवो के देव महादेव की पूजा करते हैं, जो की त्रिनेत्र है ( तीन नेत्रों वाले ), जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। (ॐ नमः शिवाये )
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