Saraswati mantra – Introduction
माँ भगवती कहें या माँ सरस्वती , हमारे हिन्दू धर्म में माँ को विद्या की देवी माना जाता है , हम अक्सर विद्या में उच्चस्तर और विद्या प्राप्ति के लिए माँ सरस्वती की वंदना करते है , Saraswati mantra हमारे देश में कई विद्यालयों में आज भी सुबह की प्राथना के रूप में शांति मंत्र के साथ सरस्वती वंदना को गया जाता है |
माघ महीने के पांचवें दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाया है। इसे कई राज्यो में सरस्वती पूजा या वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है ,यह हमारे देश के अलग अलग हिस्से में बहुत श्रद्धा से मनाया जाता है।
आज इस ब्लॉग में हम माँ सरस्वती की वंदना के साथ माँ सरस्वती के ५ शक्तिशाली मंत्र को अर्थ के साथ जानेंगे |
TABLE OF CONTENTS
1-सरस्वती गायत्री मंत्र
वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि।
तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
माँ सरस्वती “वाग्देवी जिन्हे जानते हैं, कामना और इच्छाओं की स्वामिनी के रूप में। हम उन्हें अपने मन में स्थान देते हैं, उनकी प्राथना करते है , और उनसे ज्ञान की प्राप्ति की कामना करते है
2 Saraswati mantra
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
माँ सरस्वती को की चन्द्रमा और मोती की तरह श्वेत है तथा सफेद वस्त्र धारण करती है , जो की कमल के पुष्प पे विराजमान है , जिनके हाथ में वीणा है और जो ब्रह्मा, विष्णु, और शिव जैसे देवताओं द्वारा सदैव पूजित होती हैं, वह सरस्वती देवी जो की अज्ञानता को दूर करतीं है , वो माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।
3 इस Saraswati mantra को रोज़ाना १०8 बार करने से फल मिलेगा .
ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।
हे भगवती ,माँ सरस्वती माता, हम आपको प्रणाम करते हैं।
4 Saraswati mantra सरस्वती बीज मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वत्यै नमः।
ॐ (ओं): ओं एक पवित्र और सार्वभौमिक ध्वनि है, जो परम वास्तविकता, चेतना, को प्रतिष्ठित करती है।
ऐं (ऐं): यह सरस्वती का बीज (बीज) मंत्र है। इसे उपनिषदों और तांत्रिक शास्त्रों में ज्ञान, कला, और बुद्धि की देवी के साथ जोड़ा जाता है।
ह्रीं (ह्रीं): ह्रीं एक शक्तिशाली और ऊर्जापूर्ण ध्वनि है, जिसे अक्सर देवी शक्ति के साथ जोड़ा जाता है। इसे मंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए माना जाता है और सामग्री और आध्यात्मिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उपयोग किया जाता है।
क्लीं (क्लीं): क्लीं एक और देवी ऊर्जा से जुड़ा बीज मंत्र है। इसका विशेष महत्व है और यह दिव्य ऊर्जा आकर्षित करने और सकारात्मक तरंगों का एक आवर्त बनाने के लिए माना जाता है।
महासरस्वत्यै (महासरस्वत्यै): यह वाक्य देवी सरस्वती के प्रति श्रद्धाभावना का व्यक्ति करता है, जिसमें ‘महा’ महत्त्वपूर्ण या उच्च का संकेत है, और देवी का नाम शामिल है।
नमः (नमः): यह कई मंत्रों और प्रार्थनाओं में एक सामान्य प्रत्यय है, जिसका अर्थ है “मैं श्रद्धापूर्वक नमस्कार करता हूँ” या “मैं प्रणाम करता हूँ”। यह श्रद्धाभाव और समर्पण की अभिव्यक्ति है।
5 Saraswati mantra माँ सरस्वती स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
माँ सरस्वती जो सम्पूर्ण प्राणियों में विद्या के रूप में स्थित हैं, उस देवी माँ भगवती को हम प्रणाम करते हैं।
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क्या होते है सरस्वती मंत्र ?
सरस्वती मंत्र वे प्राचीन मंत्र हैं जो की विद्या की देवी माँ सरस्वती को समर्पित हैं, जिन्हे की हम ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, संगीत और कला की देवी के रूप में भी जानते है । ये मंत्र का जाप हम सरस्वती माँ की कृपा को प्राप्त करने के लिए करते हैं, जो की हमें बुद्धि और ज्ञान की बृद्धि में हमारी मदद करता है
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क्यों माना जाता हैं सरस्वती मंत्र शक्तिशाली?
यह माना जाता है की सरस्वती मंत्र काफी शक्तिशाली मंत्र है क्योँ की ऐसा माना जाता है की इन मंत्रो में हमारी भीतरी क्षमताओं को खोलने की ताकत रखते है ,और साथ ही शिक्षा और बुद्धिमता बढ़ाने में हमारी मदद करते है ,mसाथ ही जीवन के विभिन्न पहलुओं में समृद्धि और वृद्धि लाते हैं।